क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा में भारत की तेज़ी से विकसित होती भूमिका पर जटिल समीकरण असर डालते हैं। सुरक्षा अध्ययन कार्यक्रम (सिक्योरिटी स्टडीज़ प्रोग्राम) के विशेषज्ञ इस विश्व व्यवस्था में भारत की हैसियत की समीक्षा इसकी विदेश और सुरक्षा नीतियों के विश्लेषणों के माध्यम से करते हैं, जिसमें खास तौर पर ध्यान चीन के साथ संबंध, सीमाओं की सुरक्षा और हिंद-प्रशांत की भू-राजनीति पर दिया जाता है।
अरुण के. सिंह
नॉन-रेसिडेंट सीनियर फेलो, कार्नेगी इंडिया
अरुण के. सिंह कार्नेगी इंडिया में एक नॉन-रेसिडेंट सीनियर फेलो हैं। उन्हें अमेरिका, इज़रायल, और फ्रांस में भारतीय राजदूत के तौर पर कामकाज समेत दुनिया भर में काम का व्यापक अनुभव है।
गद्दाम धर्मेंद्र
नॉन-रेसिडेंट सीनियर फेलो
गद्दाम धर्मेंद्र कार्नेगी इंडिया में एक नॉन-रेसिडेंट सीनियर फेलो हैं। वो 1990 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए और दुनिया भर में भारतीय मिशनों और विदेश मंत्रालय, साउथ ब्लॉक में कई पदों पर काम कर चुके हैं।
रुद्र चौधरी
डायरेक्टर, कार्नेगी इंडिया
रुद्र चौधरी कार्नेगी इंडिया के डायरेक्टर हैं।
साहेब सिंह चड्ढा
रिसर्च एनालिस्ट
साहेब सिंह चड्ढा कार्नेगी इंडिया में सिक्योरिटी स्टडीज़ कार्यक्रम में रिसर्च एनालिस्ट हैं। उनका शोध चीन की विदेश और सुरक्षा नीतियों, भारत-चीन संबंधों और भारत के सैन्य आधुनिकीकरण पर केंद्रित है।
श्रीनाथ राघवन
नॉन-रेसिडेंट सीनियर फेलो, कार्नेगी इंडिया
श्रीनाथ राघवन कार्नेगी इंडिया में एक नॉन-रेसिडेंट सीनियर फेलो हैं। उनके शोध का मुख्य फोकस भारत की विदेश और सुरक्षा नीतियों के समकालीन और ऐतिहासिक पहलुओं पर है।
विजय गोखले
नॉन-रेसिडेंट सीनियर फेलो, कार्नेगी इंडिया
विजय गोखले कार्नेगी इंडिया में एक नॉन-रेसिडेंट सीनियर फेलो हैं और भारत के पूर्व विदेश सचिव हैं।
वृंदा सहाय
रिसर्च एनालिस्ट, सिक्योरिटी स्टडीज़ प्रोग्राम
वृंदा सहाय कार्नेगी इंडिया में सिक्योरिटी स्टडीज़ प्रोग्राम की एक रिसर्च एनालिस्ट हैं।
दिनाकर पेरी
फ़ेलो, सिक्योरिटी स्टडीज़ प्रोग्राम
दिनाकर पेरी कार्नेगी इंडिया में सिक्योरिटी स्टडीज़ प्रोग्राम के एक फेलो हैं।