विशेषज्ञों
प्रियदर्शिनी डी.
एसोसिएट फेलो , कार्नेगी इंडिया

जीवनी


प्रियदर्शिनी कार्नेगी इंडिया में टेक्नोलॉजी एंड सोसाइटी प्रोग्राम की एसोसिएट फेलो हैं। वो कानून, प्रौद्योगिकी, और फाइनेंस के आपसी संबंधों की वजह से उभरते मुद्दों पर शोध करने में रुचि रखती हैं। उनका वर्तमान शोध विशेष रूप से भारत जैसे उभरते बाजार के संदर्भ में, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसीज़ जैसी डिजिटल मुद्राएं शुरू करने के असर और नतीजों पर केंद्रित है।

उन्होंने विनियामक स्वतंत्रता, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार जैसे बैंकों के लिए निजीकरण और रिज़ॉल्यूशन फ्रेमवर्क, क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन, और भारत में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लाने के मामले जैसे विषयों पर लेख लिखे हैं।

कार्नेगी इंडिया से पहले, वो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) में फेलो थीं। वो भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा स्थापित समितियों, कार्य समूहों और अध्ययनों को वित्तीय क्षेत्र से संबंधित समसामयिक मामलों पर शोध और नीतिगत जानकारी देती थीं। इन मामलों में क्रिप्टोकरेंसीज़ और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसीज़ के मैक्रोइकोनॉमिक और कानूनी प्रभाव, बॉन्ड बाज़ार में सुधार, बुनियादी ढांचे में निजी निवेश (बीमा और पेंशन पूल समेत), और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में नीति और संस्थागत सुधार शामिल हैं।

इसके पहले, वो प्राइवेट इक्विटी, ज्वॉइंट वेंचर्स, और अधिग्रहण जैसे मामलों के लिए वाडिया गांधी एंड कंपनी (साउथ) में पार्टनर रही हैं। उन्होंने शिक्षा, बुनियादी ढांचा, फार्मा और एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों में बड़े प्राइवेट इक्विटी फंड, भारतीय स्टार्ट-अप और कंपनियों के लिए कई व्यापारिक समझौते कराए हैं।


शिक्षा
बीए, एलएलबी, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बैंगलोर, भारत
बोली
English, Hindi, Kannada, Telegu